गुरुवार, 17 मार्च 2022

(62) धैर्य का महत्व


सुख हरसहिं जड़ दुख विलखाहीं,       
दोउ सम धीर धरहिं मन माहीं                धीरज धरहुं विवेक विचारी,                    छाड़ि सोच सकल हितकारी

अर्थ :- गोस्वामी तुलसीदासजी कहते हैं कि मूर्ख व्यक्ति दुःख के समय रोते बिलखते है सुख के समय अत्यधिक खुश हो जाते है जबकि धैर्यवान व्यक्ति दोनों ही समय में अर्थात सुख और दुःख में समान रहते है कठिन से कठिन समय में अपने धैर्य को नही खोते है और कठिनाई का डटकर मुकाबला करते है|

           इस चौपाई में गोस्वामीजी ने धैर्य का महत्व बताया है | धैर्यवान व्यक्ति कभी भी दुखी नहीं होता चाहे किसी भी प्रकार की विपरीत परिस्थिति होने पर भी वह तटस्थ रहकर परिस्थिति से मुकाबला करता है | इसी प्रकार किसी प्रसन्नता के अवसर पर भी तटस्थ रहता है और स्वयं पर नियंत्रण रखते हुए प्रसन्नता का अनुभव करता है |
जीने की कला= इस चौपाई से हमें जीने की कला सीखने को मिलती है कि हमे सुख हो अथवा दुख हो किसी भी स्थिति में धैर्य बनाए रखना चाहिए | 
जय श्री राम जी
                          पंडित प्रताप भानु शर्मा