रविवार, 21 जनवरी 2024

राम आवे अवध की ओर सजनी |


 रिपु रन जीति सुजस सुर गावत। सीता सहित अनुज प्रभु आवत॥

सुनत बचन बिसरे सब दूखा। तृषावंत जिमि पाइ पियूषा॥

भावार्थ:- शत्रु को रण में जीतकर सीता और लक्ष्मण सहित प्रभु आ रहे हैं; देवता उनका सुंदर यश गा रहे हैं। ये वचन सुनते ही भरत सारे दुःख भूल गए। जैसे प्यासा आदमी अमृत पाकर प्यास के दुःख को भूल जाए।
  आज वह दिन आ ही गया है जिसकी प्रतीक्षा सभी सनातनी लगभग 500 वर्षों से कर रहे थे । आज के दिन  विरोधी शक्तियों  से लड़ाई के उपरांत  उन्हें परास्त करने के बाद जगदाधार प्रभु श्री राम अपनी जन्मभूमि में पुनः प्रतिष्ठित होने जा रहे हैं साथ ही बाबा तुलसी दास जी के द्वारा श्री रामचरित मानस की उक्त चौपाइयां भी सार्थक होने जा रही हैं जिसके अनुसार जब प्रभु राम, मां सीता जी और लक्ष्मण जी के साथ  अयोध्या  के नव निर्मित भव्य श्री राम मंदिर में विराजमान हो रहे हैं तब यह उन राम भक्तो की भक्ति रूपी प्यास को बुझाने के लिए अमृत के समान ही है l पिछले कई वर्षों में प्रभु श्री राम जी के जन्मभूमि की लंबी लड़ाई में जो भी त्याग किया है उसके प्रतिफल में आज जो विराट भव्य वैभवशाली मंदिर का निर्माण हुआ है जिसमे राम लला विराजमान हुए है यह कार्य अमृत के समान ही  है जिसने उनके उस प्यास रुपी दुख को दूर करने का कार्य किया है। जिन व्यक्तियों  ने प्रत्यक्ष अथवा परोक्ष रूप से इस कार्य में अपना योगदान दिया है प्रभु  श्री राम के प्राण प्रतिष्ठा के शुभ अवसर पर सभी राम भक्तों को बहुत बहुत बधाईयां। सभी पर प्रभु श्री राम की कृपा दृष्टि बनी रहे सभी को भक्ति का दान प्राप्त हो । इन्हीं मंगल कामनाओं के साथ ।
                  जय राम जी की
          पंडित प्रताप भानु शर्मा