बुधवार, 25 जनवरी 2023

(75) नौ प्रकार के व्यक्तियों की बात तुरंत माने




तब मारीच हृदयँ अनुमाना। नवहि बिरोधें नहिं कल्याना।।

सस्त्री मर्मी प्रभु सठ धनी। बैद बंदि कबि भानस गुनी।।

 

अर्थ - इस दोहे में गोस्वामी जी ने मारीच की सोच बताई है कि हमें किन लोगों की बातों को तुरंत मान लेना चाहिए। अन्यथा प्राणों का संकट खड़ा हो सकता है। इस दोहे के अनुसार शस्त्रधारी, हमारे राज जानने वाला, समर्थ स्वामी, मूर्ख, धनवान व्यक्ति, वैद्य, भाट, कवि और रसोइयां, इन लोगों की बातें तुरंत मान लेनी चाहिए। इनसे कभी विरोध नहीं करना चाहिए, अन्यथा हमारे प्राण संकट में आ सकते हैं।

    इसका तात्पर्य है कि निम्न नौ प्रकार के व्यक्तियों की बात को मान लेना ही हमारे लिए हितकर है अन्यथा हमे परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।

1 जिसके पास शस्त्र है।

2 जो व्यक्ति हमारी गुप्त बातों को जानता है।

3 जो व्यक्ति समर्थ है हमारा स्वामी है अर्थात प्रमुख है ।

4 जो व्यक्ति मूर्ख है ।

5 जो व्यक्ति धनवान है ।

6 जो व्यक्ति चिकित्सक  (डाक्टर) है।

7 जो व्यक्ति भाट है अर्थात हमारी बढ़ाई करने वाला है।

8 जो व्यक्ति कवि है।

9 जो व्यक्ति हमारा रसोइया है ।

जीने की कला - इससे हमे जीने की कला सीखने मिलती है कि हमें उपरोक्त  से दुश्मनी नहीं करना चाहिए बल्कि इनकी बातों को मान लेना चाहिए इसी में हमारी भलाई है।


जय राम जी की ।

                  पंडित प्रताप भानु शर्मा