रविवार, 16 जुलाई 2023

(82)बिना विचारे कार्य नहीं करना चाहिए


अनुचित उचित काज कछु होई 
मुझि करिय भल कह सब कोई।
सहसा करि पाछे पछिताहीं,
कहहिं बेद बुध ते बुध नाहीं।।

अर्थ: किसी भी कार्य का परिणाम उचित होगा या अनुचित, यह जानकर करना चाहिए, उसी को सभी लोग भला कहते हैं। जो बिना विचारे काम करते हैं वे बाद में पछताते हैं,  उनको वेद और विद्वान कोई भी बुद्धिमान नहीं कहता।

इसका तात्पर्य है कि किसी कार्य को करने के पूर्व उसके परिणाम के बारे में विचार करना चाहिए बिना विचार के किये  गये  कर्म को करने के बाद पछताना पड़ता है एवम ऐसे व्यक्ति को कोई भी  बुद्धिमान नहीं कहेंगे जबकि जो व्यक्ति सोच समझकर कार्य करता है उसे सभी बुद्धिमान कहते हैं और उसके  कार्य का परिणाम अच्छा ही निकलता है । 

जीने की कला= इस चौपाई के माध्यम से गोस्वामी जी के अनुसार जीवन जीने की कला प्राप्त होती है कि कोई भी कार्य करने के पूर्व विचार करना आवश्यक होता है ।

जय श्री राम जी की
     पंडित प्रताप भानु शर्मा