रविवार, 4 नवंबर 2018



(३७) तुलसी भरोसे राम के, निर्भय हो के सोए|







तुलसी भरोसे राम के, निर्भय हो के सोए|
अनहोनी होनी नही, होनी हो सो होए||

अर्थ: तुलसीदास जी कहते हैं, ईश्वर पर भरोसा करिए और बिना किसी भय के चैन की नींद सोइए| कोई अनहोनी नहीं होने वाली और यदि कुछ अनिष्ट होना ही है तो वो हो के रहेगा इसलिए व्यर्थ की चिंता छोड़ अपना काम करिए|
इसका तात्पर्य है कि हमें ईश्वर पर विश्वास रखना चाहिए, विश्वास मजबूत होना चाहिए जो किसी भी परिस्थिति में डगमगाना नहीं चाहिए।  यदि हमारा विश्वास अटल है तब हमें किसी भी प्रकार का भय एवं चिंता से ग्रस्त नहीं होना चाहिए । चिंता से भय उत्पन्न होता है जिससे व्यक्ति निराश हो जाता है । जो कि व्यक्ति के तन मन धन तीनों के लिए हानिकारक है ।
जीने की कला- इस चौपाई के माध्यम से हमें सीखने को मिलता है कि परम पिता परमात्मा पर विश्वास रखते हुए निर्भय रहकर चिंताओं का परित्याग करना चाहिए और अपने कार्य करते रहना चाहिए ।


                                          जय राम जी की


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