मंगलवार, 2 अक्तूबर 2018



(३१) टेढ़ जानि सब बंदइ काहू


टेढ़ जानि सब बंदइ काहू
वक्र चंद्रमहि ग्रसई न राहु

अर्थात - टेड़ा जानकर लोग किसी भी व्यक्ति की वंदना प्रार्थना करते हैं।  टेड़े चन्द्रमा को राहु भी नहीं ग्रसता है। 
   इसका तात्पर्य है कि टेड़े अर्थात जो व्यक्ति सरल स्वाभाव के नहीं होते उनसे सभी भयभीत रहते हैं एवं उनके अनुसार ही कार्य करते हैं , उनके द्वारा कही गई बातें भले ही गलत क्यों न हों उन्हें सही मानते हैं।    ऐसे व्यक्ति केवल अपने बारे में ही सोचते हैं, दूसरों को दुःख पहुँचाने के पहले एक बार भी नहीं सोचते हैं।  ऐसे व्यक्तियों को लोग  हानि पहुँचाने से भी डरते हैं।
       इसके विपरीत सरल स्वभाव के व्यक्ति अधिकतर दुखी रहते हैं।  क्योंकि ऐसे व्यक्तियों को '' ना '' बोलना नहीं आता , वे कभी किसी चीज के लिए ना नहीं बोलते, चाहे इसके लिए उन्हें कितनी ही मेहनत क्यों न करनी पड़े।  ऐसे व्यक्ति किसी पर भी जल्दी विश्वास कर लेते हैं इससे उन्हें धोखा ही मिलता है फिर भी वह दूसरों को  धोखा देने की नहीं सोचते।  भले ही अन्य व्यक्ति उन्हें दुःख पहुँचाने का प्रयास करते रहें,   वे कभी किसी का दिल नही दुखाते।  वे अपनी खुशी से ज्यादा दूसरों की खुशी के बारे में सोचते हैं।  
         अब आपको निश्चित करना है कि आज के इस युग में आप कैसे सुखी रह सकते हैं। 

                                                        जय राम जी की 
                                                       (प्रताप भानु शर्मा)


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