शुक्रवार, 27 जुलाई 2018

(५) गुरु की महिमा  




बंदउँ गुरु पद कंज कृपा सिंधु नर रूप हरि। 
महामोह  पुंज जासु बचन रवि कर निकर। 

    जीवन में गुरु का अत्यधिक महत्व है।  गुरु हमारे जीवन के लिए साक्षात्  ईश्वर ही है जो हमारे जीवन से मोह रुपी अंधकार को दूर कर प्रकाशमय कर देते हैं।  दुःख का कारण  मोह है और इसे दूर करने वाला ही गुरु है। 
जीवन में गुरु होना आवश्यक है , गुरु पथ प्रदर्शक है।    आजकल दम्भ पाखंड बहुत हो गया है और अब बढ़ता ही जा रहा है।  सीताजी के सामने रावण, राजा प्रतापभानु के सामने कपट मुनि और हनुमानजी के सामने कालनेमि आये तो वे उन्हें पहचान नहीं सके और उनके फेरे में आ गए। अतः  गुरु के रूप में  जिसमें आपकी श्रद्धा एवं विश्वास हो, उसे आप अपना गुरु मान  सकते हैं। 
          वास्तव में गुरु की महिमा अनंत है गुरु की महिमा भगवान् से भी अधिक है इसका पूरा वर्णन करना संभव ही नहीं है। 


                                                                          जय राम जी की 

                                                                          
  
  

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