(२४ ) विपत्ति के साथी
साहस सुकृति सुसत्यव्रत, राम भरोसे एक॥
अर्थ : तुलसीदास जी कहते हैं, विपत्ति में अर्थात मुश्किल वक्त में ये चीजें मनुष्य का साथ देती है. ज्ञान, विनम्रता पूर्वक व्यवहार, विवेक, साहस, अच्छे कर्म, सत्य और राम ( भगवान ) का नाम.
इसका तात्पर्य है कि विपत्ति अर्थात मुश्किल का समय, जो की हर व्यक्ति के जीवन में आ सकता है, इस समय के साथी के रूप में हमारा ज्ञान जो कि हमें पुस्तकों से अथवा सत्संग से प्राप्त होता है काम आता है। इस समय में हमें विनम्रता पूर्वक व्यव्हार करना चाहिए, एवं कोई भी निर्णय लेने से पूर्व विवेक का उपयोग आवश्यक है। इन सबके साथ हमें सत्य पर अटल रहकर अच्छे कार्य करते रहना चाहिए एवं अपने साहस को बनाये रखना चाहिए क्योकि यदि साहस नहीं होगा तो आप विपत्ति के समय में निराशा में जा सकते हैं। समय परिवर्तनशील है , विपत्ति का समय भी इन साथियों के सहयोग से निकल जाता है परन्तु इसके साथ-साथ सबसे महत्वपूर्ण बात गोस्वामी जी द्वारा इस चौपाई के माध्यम से हमें बताई गई है कि इन सब साथियो के साथ ही केवल राम अर्थात परमात्मा पर बिश्वास रहना अति आवश्यक है।
अतः विपत्ति के समय पर इस चौपाई को ध्यान में रखकर कार्य किया जावे तो विपत्ति आपको किसी भी प्रकार से कष्ट न पहुंचाकर दूर खड़ी दिखाई देगी।
जय राम जी की (प्रताप भानु शर्मा )
Nice ...
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